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Blackbuck Meaning In Hindi- काला हिरन से जुडी जानकारी

इस काले रंग के Blackbuck का meaning क्या होता है? असल में इसे काले हिरन के नाम से जाना जाता है  | यह भारत, पाकिस्तान तथा नेपाल में पाए जानी वाली एक हिरन की प्रजाति है, जो भारतीय उपमहाद्वीपो में पाया जाता है | यह काला हिरन बहुसिंगा प्रजाति के कुछ जीवित सदस्यों में से एक है अन्यथा इस प्रजाति के लगभग जानवर विलुप्त हो चुके हैं | परन्तु क्या आप जानते हैं की, यह काला हिरन किस प्रकार का होता है तथा यह कैसा दिखता है, इत्यादि? तो आइये आज आपको इस अद्भुत जिव से जुडी कई जानकारियां यहाँ देंगे |

Blackbuck

तो चलिए जानते हैं, इस काले हिरन के बारे में की यह किस प्रकार का होता है, इसके गुण एवं विशेषताएं कौन-कौन से हैं तथा यह जानवर किस प्रकार का दिखता है, इत्यादि |

English Name: Blackbuck
Scientific name: Antilope cervicapra
Hindi Name: काला हिरन

परिचय / Introduction

यह काला हिरण मुख्य रूप से भारत का मूल प्रजाति है, जिसे भारतीय मृग (हिरण) के रूप में जाना जाता है | इस ब्लैकबक का वैज्ञानिक नाम एंटीलोप सर्वाइकरा है, जो पूरे भारत में लगभग 40000 से 50000 अस्थायी संख्या के बीच है | यह जानवर ज्यादातर अधिक घांस वाले मैदानों तथा हल्के गहरे जंगलों में पाया जाता है, जिनके आस-पास बड़े नदी या तालाब रहते हैं | इन काले हिरणों के एक झुण्ड में छोटे बच्चे, नर तथा मादाएं शामिल रहते हैं | ये जानवर बांगलादेश में विलुप्त हो चुके हैं तथा अर्जेंटीना और संयुक्त राज्य अमेरिका में आज भी काफी पाए जाते हैं |

यह एक साधारण आकार का मृग (हिरण) है, जो आम तौर पर 70 से 85 cm की ऊँचाई प्राप्त कर सकता है | इस जानवर के सिर में दो भूरे रंग के सिंघ निकले हुए होते हैं, जो “वी” आकार जैसे लगते हैं | ये सिंघ लगभग 15 से 30 इंच लम्बे एवं गोल से चक्कर वाले आकार में भूरे रंग के होते हैं | इस जानवर का चेहरा काले रंग में होता है तथा इसके आँखों काले रंग में होते हैं, परन्तु इसके आँखों के धारियां सफ़ेद रंग में होते हैं | इस पशु के पूँछ आं तौर पर लगभग 10 से 15 cm के आस-पास होते हैं, जो भूरे रंग-काले रंग में होते हैं | यह जानवर दो रंगों में दिखता है, जिसके ऊपर के भागो का रंग काला-भूरा तथा निचे एवं अन्दर के भाग सफ़ेद रंग में दिखाई देते हैं | इस ब्लैकबक जानवर को हिन्दू धम्र में बहुत ही ज्यादा महत्व दिया जाता है, जिसे भारत तथा नेपाल के ग्रामीण लोग किसी भी प्रकार का कोई नुकशान नहीं पहुंचाते हैं |

जीवनकाल / Lifespan

इस काले हिरण के औसत जीवनकाल आम तौर पर लगभग 12 से 15 वर्ष होती है, जो जंगलों के घासों तथा अन्य पौधों को खाकर जीवित रह पाता है | परन्तु अगर इस जानवर की देख भाल अच्छी तरह से की जाए तो यह लगभग 14 से 18 वर्षों तक जीवित रह सकता है |

वजन / Weight

Adult blackbuck deer

आम तौर पर इस काले हिरन का औसत वजन लगभग 35 से 50 किलो ग्राम के आस-पास होते हैं | परन्तु मादा हिरने हलके कम वजन के होते हैं, जो आम तौर पर लगभग 30 से 40 किलो ग्राम के आस-पास होते हैं |

यह भी जाने की barasingha ka english meaning क्या होता है |

खूबियाँ / Features

  • ये काले हिरन आम तौर पर पानी का उपयोग रोजाना करते हैं, इसलिए इन्हें वैसे जंगल में रहना पसंद है, जिसके आस-पास नदी या तालाब हो |
  • यह जानवर साधारण तौर पर लगभग 50 km/ घंटा की गति से दौड़ सकते हैं  |
  • ये आम तौर पर छोटी घास तथा छोटे अनाज के पौधों को खाना ज्यादा पसंद करते हैं  |
  • ऐसा माना जाता है, की इसके दूध में 9% protein, 9.3% fat तथा 4.3% Lactose जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं |
  • ऐसा कहा जाता है, की काले हिरनों के मुख्य शिकारियों में भेड़िये, चीते तथा परिया कुत्ते, आदि जैसे जानवर होते थे |
  • इन काले हिरनों की सूंघने की तथा सुनने की क्षमता हलकी कम होती है, जिसके कारण वे अपने आँखों की रौशनी पर ज्यादा भरोसा करते हैं |
  • ये पशु प्रचीन काल के समय में पूरे भारतीय उपमहाद्वीप क्षेत्रों के खुले मैदानों में पाए जाते थे लेकिन, जैसे-जैसे मानव की आबादी बढ़ने लगी उनकी संख्या धीरे-धीरे घटने लगे |

इतिहास और रोचक तथ्य / History & Facts

  • इस हिरन का भारतीय संस्कृति में बहुत ही उच्च स्थान रहा है, जिसके बारे में यह माना जाता है की, सिन्धु घाटी सभ्यता में यह भोजन का स्रोत रहा है | इसके अलावे धोलावीरा और मेह्रगढ़ जैसे स्थान में इस काले हिरन के हड्डियों के निशान पाए गए हैं |
  • भारतीय हिन्दू प्राचीन ग्रंथो में इस काले हिरन के बारे में जिक्र किया गया है | उन ग्रंथो के अनुसार ये काले हिरन भगवान् कृष्ण के रथ को खीचते हुए दिखाई देते थे | प्राचीन ग्रंथो के अनुसार इसे वायु, सोम तथा चन्द्रमा का वाहन भी माना जाता है |
  • इस काले हिरन को बिश्नोई तथा कई अन्य समुदाय के लोग पूजा करते हैं, तथा देवता का रूप मानते हैं |
  • यह 1758 में स्वीडिश के एक वैज्ञानिक कार्ल लिनियस द्वारा बिपेडल के रूप में पहचाना तथा नामित किया गया था |
  • राजस्थान में इस पशु को करणी माता के सरंक्षण के रूप में माना जाता है |
  • इसके अलावे राजस्थान में अगर कोई काले हिरन का बच्चा किसी कारण-वस अपने माँ से बिछुड़ जाता है तो, वहां के लोग उस काले हिरन के बच्चे की देखभाल करते हैं और पूरा भरण-पोषण करते हैं |
  • आंध्र प्रदेश में इसे राज्यकीय पशु के रूप में जाना जाता है  |

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